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भोले बाबा के दर्शन हो चुके थे और खीरगंगा की सुंदरता को अपनी आँखों में भर के हम वापस बरशेनी की तरफ निकल रहे थे। खीरगंगा से कुछ नीचे उतरते ही एक रास्ता नीचे जाने वाले रास्ते से अलग ऊपर की तरफ जाता दिखाई दिया तो मैंने वहां पर एक चाय की दुकान वाले से पूछा क़ि ये रास्ता कहाँ जाता है।