Friday, September 14, 2018

लद्दाख डायरी, लेह और आस पास Ladakh Diary, leh and around

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दो दिन की रोमांचक और थका देने वाली यात्रा के बाद लेह की रात बहुत ही आरामदायक बीती और रात को अच्छी नींद भी आई। सुबह जब हम उठे तो काफी अच्छा महसूस कर रहे थे। हमारे मित्र राहुल जी जिनकी तबियत सरचू में ख़राब हो गई थी वो भी अब ठीक ठाक दिखाई पड़ रहे थे। होटल में गर्म पानी से नहाने के बाद हम सभी लद्दाख के नयनाभिराम दृश्यो को अपनी आँखों और अपने कैमरों में कैद करने को तैयार थे।